अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार इस मायावी सृष्टि में इस मायावी संसार में आपको जड व चेतन के रूप …
कल्कि साधक - कैलाश मोहन
कल्कि साधक - कैलाश मोहन
दोस्तों मैं विश्व धर्म रक्षक कैलाश मोहन आप की तरह ही एक घर गृहस्थी वाला साधारण इन्सान हूं और मै अपने मानव जगत के लोगो के बीच अपनी अन्तरप्रेणा से ही आध्यात्मिक ज्ञान की प्रभावना कर रहा हूं , ना तो मेरा कोई धर्म गुरु है और नाहीं मैंने किसी धर्म ग्रन्थ से ज्ञान अर्जित किया हैं | मै जन्म से ही नास्तिक था और मेरे जीवन में एक बार ऐसा दर्दनाक हादसा घटित हो जाता है की मौत मेरे करीब होती है और मैं अपने जीवन की आखरी श्वांसे गिन रहा होता हूं| तभी मेरे जीवन में अचानक चमत्कार होता है और मुझे एक संत के आशीर्वाद से नया जीवन मिल जाता है इसी के साथ मै नास्तिक से आस्तिक बन जाता हूं| नास्तिक से आस्तिक बन जाने के बाद मेरे ह्रदय में मानव सेवा के भाव जागृत होते है और मै अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा संस्थान की स्थापना कर मानव सेवा के साथ साथ मानव जगत को सत्कर्म और सेवा रुपी मानव धर्म का सन्देश देने लगता हूं| सत्कर्म और सेवा रुपी मानव धर्म के पथ पर चलते हुए मुझे अपने ही भीतर दिव्य शक्ति का अहसास होने लगता है और मै मानव जगत को ईश्वर और धर्म की सत्य परिभाषा समझाते हुए सत्कर्म करने का ज्ञान देने लगता हूं| दोस्तों मै अपने जीवन संघर्ष के पथ पर नदी की तरह बहते बहते एक दिन सागर में जा मिलता हूं और सागर में मिल जाने के बाद मेरा अपना अस्तित्व समाप्त हो जाता है और मै जन कल्याण की भावना दिल में लिए अपने मानव जगत के बीच कल्कि ज्ञान सागर के रूप में आता हूं| मोहन हूं मै मोह माया से तुम्हें बचाने आया हूं धरती के हर मानव को मै महान बनाने आया हूं| याद रहे मै कोई अवतारी महापुरुष या भगवान नहीं हूं मै सम्पूर्ण मानव जगत को ईश्वर और अवतारवाद से आजाद कराने आया हूं मुझमें जो परम महाशक्ति ज्ञान स्वरुप विधमान है वो धरती के हर इंसान के ह्रदय में विधमान है मैंने उसे जान लिया है और मेरी तरह हर इंसान उसे जान सकता है| आओ आप और हम मिलकर कलयुग को सतयुग में परिणित करते हुए सतयुगी दुनिया का निर्माण कर अपनी धरती माता को महाविनाश से बचाकर स्वर्ग बनाते है|
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मानव हमारी जाति है मानवता है धर्म हमारा, हम सब एक है, सबका स्वामी एक, सबकी सेवा सबसे प्यार, जिओ और …
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आज का सन्देश
स्वयं के भीतर विधमान ईश्वर के निर्गुण आत्मस्वरुप व सगुण जीवात्मस्वरुप को जाना उसका मानव जीवन सार्थक हो गया…
21वी सदी को युग परिवर्तन की संधिवेला संगमयुग का समय कहा जा सकता है, क्योंकि कर्मभूमि पर पिछले तीन हजार वर्षो …
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अदभुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार भारत कर्मभूमि का आध्यात्मिक खंड है। 21वी सदी का समय कर्मभूमि पर युग परिवर्तन …
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कर्मभूमि पर मानव जीवन कर्म प्रधान है, मानव के लिए सत्कर्म और सेवा से बड़ा कोई मानव धर्म नहीं है| कर्मभूमि …
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आध्यात्मिक ज्ञान और विज्ञान के अनुसार हमारी धरती को बनकर आज करोड़ो वर्ष बीत चुके है, कर्मभूमि पर मानव का जन्म …
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आज का सन्देश
कर्मभूमि पर ईश्वर का जन्म-मरण नहीं निष्काम कर्मयोगी के ह्रदय में प्राकटय होता है, जिसे परकाय भी प्रवेश कहते है|
विज्ञान भी होगा नतमस्तक जब कर्मभूमि पर पूर्ण प्रमाण के साथ काल के भी काल महाकाल, देवादी देव महादेव सगुण परब्रह्म …
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आज का सन्देश
अपना आत्मकल्याण करना चाहते हो तो विदेही भाव में विराट आत्मस्वरूप निष्काम कर्मयोगी बनो |
अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार सृष्टि के सभी देवी-देवता व मानव निर्गुण ईश्वर का सगुण स्वरूप है| कर्मभूमि पर …
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आज का सन्देश
21वी सदी में होगा सतयुगी दुनिया का सृजन, मिटेगी देश-विदेश की सीमाएं विश्व में होगी शांति कायम….
अदभुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार भारत कर्मभूमि का आध्यात्मिक खंड है। 21वी सदी का समय कर्मभूमि पर युग परिवर्तन …
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आज का सन्देश
ईश्वर को पाना है तो स्वयं के साधक बनों स्वयं के भीतर ईश्वरीय वैभव को स्वयं के विराट आत्मस्वरूप को जानों….
अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति, किन्तु एक ही ब्रह्म के दो स्वरूप, दो चरित्र हैं। …