शंकराचार्य परम्परा के स्वामी विश्वानन्द पिछले दिनों राजस्थान प्रांत के बांसवाड़ा शहर में कल्कि साधक कैलाश मोहन द्वारा जम्मू-कश्मीर सहित पूरे …
कल्कि साधक - कैलाश मोहन
कल्कि साधक - कैलाश मोहन
दोस्तों मैं विश्व धर्म रक्षक कैलाश मोहन आप की तरह ही एक घर गृहस्थी वाला साधारण इन्सान हूं और मै अपने मानव जगत के लोगो के बीच अपनी अन्तरप्रेणा से ही आध्यात्मिक ज्ञान की प्रभावना कर रहा हूं , ना तो मेरा कोई धर्म गुरु है और नाहीं मैंने किसी धर्म ग्रन्थ से ज्ञान अर्जित किया हैं | मै जन्म से ही नास्तिक था और मेरे जीवन में एक बार ऐसा दर्दनाक हादसा घटित हो जाता है की मौत मेरे करीब होती है और मैं अपने जीवन की आखरी श्वांसे गिन रहा होता हूं| तभी मेरे जीवन में अचानक चमत्कार होता है और मुझे एक संत के आशीर्वाद से नया जीवन मिल जाता है इसी के साथ मै नास्तिक से आस्तिक बन जाता हूं| नास्तिक से आस्तिक बन जाने के बाद मेरे ह्रदय में मानव सेवा के भाव जागृत होते है और मै अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा संस्थान की स्थापना कर मानव सेवा के साथ साथ मानव जगत को सत्कर्म और सेवा रुपी मानव धर्म का सन्देश देने लगता हूं| सत्कर्म और सेवा रुपी मानव धर्म के पथ पर चलते हुए मुझे अपने ही भीतर दिव्य शक्ति का अहसास होने लगता है और मै मानव जगत को ईश्वर और धर्म की सत्य परिभाषा समझाते हुए सत्कर्म करने का ज्ञान देने लगता हूं| दोस्तों मै अपने जीवन संघर्ष के पथ पर नदी की तरह बहते बहते एक दिन सागर में जा मिलता हूं और सागर में मिल जाने के बाद मेरा अपना अस्तित्व समाप्त हो जाता है और मै जन कल्याण की भावना दिल में लिए अपने मानव जगत के बीच कल्कि ज्ञान सागर के रूप में आता हूं| मोहन हूं मै मोह माया से तुम्हें बचाने आया हूं धरती के हर मानव को मै महान बनाने आया हूं| याद रहे मै कोई अवतारी महापुरुष या भगवान नहीं हूं मै सम्पूर्ण मानव जगत को ईश्वर और अवतारवाद से आजाद कराने आया हूं मुझमें जो परम महाशक्ति ज्ञान स्वरुप विधमान है वो धरती के हर इंसान के ह्रदय में विधमान है मैंने उसे जान लिया है और मेरी तरह हर इंसान उसे जान सकता है| आओ आप और हम मिलकर कलयुग को सतयुग में परिणित करते हुए सतयुगी दुनिया का निर्माण कर अपनी धरती माता को महाविनाश से बचाकर स्वर्ग बनाते है|
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कर्मभूमि पर पूर्ण प्रमाण के साथ हुआ दिव्य महाशक्ति का कल्कि ज्ञान सागर के रूप में भव्य अवतरण मानव होगा ईश्वर व अवतारवाद की धारणाओं से मुक्त|
अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति सम्पूर्ण ब्रह्मांड में एक ब्रह्म ही परम सत्य है, उसे …
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सर्वधर्म संप्रदाय के सैकड़ो साधू-संतो व गणमान्य नागरिकों के सानिध्य में, हजारों धर्म प्रेमियों के साथ बड़ी धूम-धाम से मनाया कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का द्वितीय स्थापना दिवस|
अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार कर्मभूमि पर जब-जब धर्म के प्रति ग्लानी बढती है, तब-तब कर्मभूमि पर दिव्य महाशक्ति …
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कर्मभूमि को महाविनाश से बचाकर अविनाशी स्वर्ग बनाने के लिए कल्कि साधक कैलाश मोहन, मानव जगत को दे रहे है अहिंसा, प्रेम-भाईचारे का संदेश |
आज के विज्ञान और विकास के युग में एक तरफ तो मानव अन्तरिक्ष में अन्य ग्रहों पर नई दुनिया बसाने की …
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निराकार को निराकार ही रहने दो अजन्में अनामी को कोई नाम न दो मैं कल्कि साधक कैलाश मोहन सम्पूर्ण मानव जगत …
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कर्मभूमि पर मानव ईश्वर व स्वयं के सत्यस्वरूप को और अद्भुत रह्स्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय खेल को आज तक क्यों नहीं समझ पाया…..
अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति सम्पूर्ण ब्रह्मांड में एक ब्रह्म ही परम सत्य है, उसे …
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जम्मू कश्मीर के लोग शांति के उपासक अहिंसा संस्थान जम्मू कश्मीर में खोलेगी अपनी संस्थान का कार्यालय |
कर्मभूमि पर जब जब धर्म के प्रति ग्लानी बढ़ती है तब ईश्वर कर्मभूमि पर किसी न किसी निष्काम कर्मयोगी को निमित …
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राम, रहीम, ईसा, गुरुनानक, लेते है हम सबका नाम, हिंदु ,मुस्लिम, सिख, ईसाई, जन जन को देंगे पैगाम| जाति, धर्म-संप्रदाय के …
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कर्मभूमि पर कर्मयोगी कल्कि साधक कैलाश मोहन के जीवन दर्पण में कल्कि ज्ञान सागर का प्राकट्य कर्मभूमि पर मुझ गृहस्थ जीवन …
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आज का सन्देश
कल्कि ज्ञान सागर का उद्देश्य – मानव के ह्रदय में देवत्व व दिव्यता जागृत कर मानव को परमात्मा स्वरूप बनाकर ईश्वर व अवतारवाद की धारणाओं से मुक्त कराना है…
मैं ही अल्लाह, मैं ही ईश्वर, मैं ही राम, रहीम हूं, मैं ही ईसा, मैं ही मोहम्मद, मैं ही कृष्ण, कबीर …