सतयुगी दुनिया का सृजन करना है तो सम्पूर्ण मानव जगत के लोगों को सत्कर्मी बनना होगा…

सत्कर्म और सेवा से बड़ा और कोई मानव धर्म नहीं है, कर्मभूमि पर कलयुग को सतयुग मे परिणित करने के लिए सतयुगी दुनिया का सृजन करने के लिए, अपनी कर्मभूमि को महाविनाश से बचाकर अविनाशी स्वर्ग बनाने के लिए, सम्पूर्ण मानव जगत के लोगों को सत्कर्मी बनना होगा| क्योकि मानव जगत के सत्कर्म ही कर्मभूमि को महाविनाश से बचाकर अनिवाशी स्वर्ग बना सकते है| 

अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार ईश्वर इंसान को कर्म करने का ज्ञान दे सकता है किसी भी इंसान से निर्धारित कर्म नही करवा सकता| कर्मभूमि पर जो कार्य मानव कर सकता है, वो कार्य ईश्वर और देवी-देवता भी नही कर सकते| मानव चाहे तो सत्कर्मी निष्काम कर्मयोगी बनकर अन्तरिक्ष में धरती जैसी अनेक दुनिया बसा सकता है| एक दुनिया से दूसरी दुनिया में भ्रमण करने का आनन्द ले सकता है|

हमारी कर्मभूमि को बनकर अरबों वर्ष बीत गये, किन्तु हमारा वर्तमान कलेंडर आज भी मात्र 2023 वर्ष की गणना कर रहा है और फिर से हमें महाविनाश की सम्भावना दिखाई दे रही है| आज तक हमारेरम माता-पिता परमात्मा परब्रह्म का सुन्दर सृष्टि का सपना साकार नही हो सका| क्योकि परमात्मा परब्रह्म के इस सपने को कर्मभूमि पर मानव जगत के लोग ही सत्कर्मी बनकर साकार कर सकते है|सत्कर्मी बनो अपनी कर्मभूमि को अविनाशी स्वर्ग बनाओ, अपने दिव्य माता- पिता का प्यार पाओ|

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