भारतीय शासन प्रणाली में वंशवाद-भ्रष्टाचार मिटने के बाद ही भारत बनेगा विश्व का प्रथम विकसित देश…

अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार भारत कर्मभूमि का आध्यात्मिक खंड है, जिसे कृषि प्रधान देश भी कहते है| सदियों से भारत विश्व धर्म गुरु के नाम से विश्व विख्यात रहा है| भारत को ऋषि-मुनि, साधू-संतो, भोले-भाले धर्म प्रेमी लोगों का देश भी कहा जाता है| प्राचीनकाल में भारत पर कई बाहरी शासको के हमले हुए, कई बाहरी शासको ने भारत पर शासन भी किया| जितने भी बाहरी शासको ने भारत पर शासन किया भारत को जी भरकर लुटा, इतना ही नहीं भारतीय संस्कृति के साथ खिलवाड़ भी किया| हमारे देश के शुरवीरो ने अपनी जान की बाजी लगाकर, अपने देश को बाहरी शासको से मुक्त करवाया| इसके बाद भारतवासियों ने भारत पर शासन किया|

हमारे देश का शासन जब से भारतीयों के हाथो में आया तब से अब तक कई भ्रष्ट शासकों ने बाहरी शासकों से भी ज्यादा हमारे देश को लुटा है| आज घटिया शासन प्रणाली के कारण हमारे देश के हालत बद से बदतर बनते जा रहे है| देशवासी कमर तोड़ टेक्स अदा करते है, अपने खून-पसीने की कमाई राष्ट्र के विकास के लिए देते है, किन्तु आजादी के 75 वर्ष बाद भी देश की सड़के खस्ताहाल है, बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा जैसी महत्वपूर्ण सरकारी सेवाए इतनी बदतर है की गरीब से गरीब आदमी भी अपने बच्चो को सरकारी स्कूल में भेजना नही चाहता और नही सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाता है|

आज आम आदमी पर महंगाई की मार इतनी बढ़ गई है की जीना दुर्भर हो गया है| अगर भारतीय शासन प्रणाली में और भारतीय संविधान में परिवर्तन कर सभी नेता लोगो की पेंशन बंद कर दी जाय, एक देश, एक शासन, एक सरकार, एक टेक्स के तर्ज पर देश में सभी राज्य सरकारे भंग कर दी जाए तो भारत को विश्व् का प्रथम विकसित देश बनाया जा सकता है| तभी भारत में सुशासन का सपना साकार हो सकता है|

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