अदभुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार भारत कर्मभूमि का आध्यात्मिक खंड है। 21वी सदी का समय कर्मभूमि पर युग परिवर्तन की संधिवेला संगमयुग का समय होगा। दिव्य महाशक्ति निष्कलंकावतार प्रभु कल्कि द्वारा कर्मभूमि पर कल्कि ज्ञान सागर के माध्यम से सृष्टि सृजन के उस रहस्यमय ज्ञान की प्रभावना होगी, जिससे सम्पूर्ण मानव जगत ईश्वर और अवतारवाद की धारणाओं से मुक्त हो जाएगा। धर्म के नाम पर सम्प्रदायवाद भी जड़ से मिट जाएगा। इतना ही नहीं, भारत पूरे विश्व की महान विभूतियों को लेकर “विश्व धर्म शासन” की स्थापना करेगा। विश्व में शांति स्थापित होकर कर्मभूमि अविनाशी स्वर्ग बन जाएगी।
21वी सदी में भारत बनेगा पुनः विश्व धर्म गुरु कर्मभूमि पर होगा भारत का विश्व धर्म शासन देश-विदेश की सारी सीमाएं मिटेगी, पूरी धरती एक देश बन जाएगी और आज जितने देश है वो सभी “विश्व धर्म शासन” में गणराज्य बन जाएंगे। बाबा अमरनाथ, सीता माता वनखंडी, माता वैष्णोदेवी का परम धाम देवभूमि जम्मू कश्मीर कर्मभूमि पर विश्व-धर्म शासन की राजधानी होगी। ज्ञात रहे बाबा अमरनाथ सृष्टि के सभी जीवों के जन्मदाता पालनहार है। बाबा अमरनाथ की अहिंसा सेना कर्मभूमि पर जीव-मात्र की रक्षा व सेवा करेगी।
पूरी दुनिया के लिए जब एक ही धर्म शासन होगा तो मानव-मात्र विश्व नागरिक बन जायेगा। विश्व धर्म शासन पूरी कर्मभूमि पर बेहतरीन सड़को का निर्माण करेगा, एयर कन्डीशन स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल का निर्माण करेगा। विश्व धर्म शासन सम्पूर्ण मानव जगत को बिजली, पानी, राशन की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। जन सुविधाएं सभी के लिए एक समान होगी न किसी को कम न किसी को ज्यादा।
विश्व धर्म शासन पूरी कर्मभूमि पर प्राकृतिक पर्यटन स्थलो का विकास कर, कर्मभूमि को स्वर्ग से भी सुंदर बना देगा। किसी को मरकर स्वर्ग नहीं जाना पड़ेगा। कर्मभूमि का हर विश्व नागरिक बिना रोक-टोक पूरी धरती पर भ्रमण करने का आनंद ले सकेगा। इस तरह कर्मभूमि पर सम्पूर्ण मानव जगत के लोग सत्कर्मी बनेंगे कर्मभूमि पर सतयुगी दुनिया का सृजन होकर हमारी धरती अविनाशी स्वर्ग बन जाएगी।