300 वर्ष पूर्व राजस्थान डुंगरपुर जिले के साबला ग्राम में कृष्णलीलावतार के रूप मे जन्मे विश्व विख्यात संत मावजी महाराज ने अपनी भविष्यवाणी में पहले ही बता दिया था कि जम्मू मे झंडो जड़ से जड़ से नवलक तारा …तीन तारा में प्रभु जी प्रकटे जाय जम्मू द्रीप माय अर्थात कल्कि अवतरण वागड़ अंचल की पवित्र भूमि पर होगा, आध्यात्मिक वागड़ अंचल की कड़ी जम्मू-कश्मीर से जुड़ेगी, धर्म की स्थापना वागड़ अंचल में होगी व प्रभावना जम्मू-कश्मीर से होगी |
मावजी महाराज की उपरोक्त भविष्यवाणी के अनुसार जम्मू-कश्मीर माता वनखंडी सीता माता के ऐतिहासिक धाम से महंत भगवानदास बांसवाडा-डुंगरपुर जिले के आध्यात्मिक महत्व को जानने के लिए कल्कि विश्व शांति अहिंसा भवन पर आये और बांसवाडा की कड़ी जम्मू-कश्मीर से जुड़ गई | कुछ समय बाद जम्मू में माता वनखंडी धाम पर एक धार्मिक अनुष्ठान में गणमान्य नागरिक एवं सैकड़ो भक्तों के बीच कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का धर्म ध्वज बड़ी धूमधाम से फहराया गया | इसी के साथ मावजी महाराज की भविष्यवाणी सत्य साकार हो गई |
भारत की पावन भूमि पर वीरो की भूमि राजस्थान प्रान्त के आध्यात्मिक वागड़ अंचल में कृष्ण लीलावतार मावजी महाराज की पावन भूमि लोढ़ी काशी के नाम से विश्व विख्यात है, मावजी महाराज की भविष्यवाणी के अनुसार वागड़ अंचल की महिमा विश्व विख्यात होगी | जय अहिंसा, ॐ विश्व शांति, सत्यमेव जयते |