माँ शक्ति रूपा नारी नरक की खान नहीं शिव स्वरूप पुरुष की अर्द्धांगिनी है…

जग जननी माता शक्ति रूपा नारी सिर्फ प्रेम की प्यासी होती है, आज के कलयुग में मर्द नारी को अपनी हवस का शिकार बनाने के लिए झूठे प्यार का दिखावा करता है और एक मासूम बच्ची की जिन्दगी तबाह कर देता है| नारी का सम्मान करो सृष्टि का सृजन माता शक्ति द्वारा हुआ है, किन्तु आज की दुनिया पुरुष प्रधान बन गई है, जबकि नर और नारी एक ही सिक्के के दो पहलु है दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे है, जब दो जिस्म मिलते है तो कर्मभूमि पर एक नया जिस्म जन्म लेता है, किन्तु मानव तन के भीतर जब जीवात्मा और  आत्मा का एकाकार होता है, तो कर्मभूमि पर ईश्वर का अवतरण होता है| अपने भीतर के विराट आत्मस्वरूप को जानो अपना मानव जीवन सार्थक बनाओ|

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