भारत में सुशासन स्थापित करने के लिए, भारतीय शासन प्रणाली व भारतीय सविधान में बड़ा बदलाव लाना होगा| एक देश, एक सरकार की नीति अपनाकर सभी राज्य सरकारे भंग करनी होगी| आज हमारे देश में घटिया शासन प्रणाली के कारण भ्रष्टाचार इतना पनप गया है कि देश के हालत बद से बदत्तर होते जा रहे है|
आज हमारे देश में जितने राज्य है उतनी ही सरकारे है, सब राज्यों में अपनी-अपनी मनमानी चलती है, पार्टीवाद के कारण राज्य सरकारे केंद्र सरकार का साथ नहीं देती, सभी एक दूसरे से लड़ते रहते है, कभी एक साथ बैठकर देश व राज्य के विकास की बात नहीं करते| महंगाई आसमान को छु रही है, जनता खून के आंसू रो रही है, किसी को कुछ नहीं पड़ी| जब तक भारतीय शासन प्रणाली व संविधान में बड़ा परिवर्तन नहीं लाया जाता, तब तक भारत न तो विश्व धर्म गुरु बन सकता है नहीं विश्व का प्रथम विकसित देश| भारत का शासन अब देश के संत और समाज सेवियों के हाथो में सुपर्द कर दिया जाय तो भ्रष्टाचार स्वतः ही मिट जायेगा, सुशासन भी स्वतः ही आ जायेगा| इतना ही नही देश की सेवा करने वाले समाज सेवी व संत नेताओ को न तो पगार देना पड़ेगा नही पेंशन|