अहिंसा रथ के साथ मोहम्मद फैज खान द्वारा पैदल भारत परिक्रमा
प्राचीनकाल में भारत जब कृषि प्रधान देश के नाम से जाना जाता था, तब भारत एक आध्यात्मिक देश और विश्व धर्म गुरु के नाम से विश्व विख्यात था| आज देश द्रोही नेताओ के कारण विश्व की सबसे बड़ी मांस की मंडी बन गया है, जो भारत कभी विश्व को अहिंसा का सन्देश देता था, आज वो भारत विश्व का सबसे बड़ा मांस विक्रेता बन गया है| जो भारत कभी अपने विश्व मानव परिवार को कर्म करने का ज्ञान देता था, आज वही भारत अपने विश्व मानव परिवार को मांस खिलाकर उनमें तामसिक प्रवृतियां पैदा कर रहा है| आज हमारे भारत की आन-बान-शान, हमारे देश का गौरव, हमारे देश की संस्कृति सब कुछ खतरे में है जिसकी रक्षा करने के लिए देशवासियों को आपस में जाति संप्रदाय का भेदभाव भुलाकर धार्मिक एकता, राष्ट्रीय एकता कायम करनी होगी|
ज्ञात रहे अपने देश को पुनः विश्व धर्म गुरु बनाने के लिए, हमें अपने देश में चल रहे सभी कत्ल खाने बंद कराने होंगे जब तक भारत की पावन भूमि पर मुक पशुओ की हिंसा होती रहेगी, जब तक भारत विश्व संप्रदाय को मांस का भोजन परोसता रहेगा तब तक मानव जगत में तामसिक प्रवृतियां पैदा होती रहेगी, तो भला फिर विश्व मे शांति कैसे कायम होगी और भारत पुनः विश्व धर्म गुरु कैसे बनेगा? अतः भारत की पावन भूमि पर सभी कत्लखाने बंद कराने के लिए, भारत को पुनः अहिंसामय बनाकर विश्व धर्म गुरु बनाने के लिए, सम्पूर्ण मानव जगत को पशु पालन, गौसेवा सद्भावना, कौमी एकता, धामिक एकता, राष्ट्रीय एकता, प्रेम भाईचारे का संदेश देने के लिए अहिंसा परमोधर्म मानव सेवा संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय मुस्लिम एकता मंच के संयोजक मोहम्मद फैज खान द्वारा महात्मा गांधी की तरह जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी और कन्याकुमारी से पुनः जम्मू-कश्मीर माता वैष्णो देवी व माता वनखंडी धाम पर जाकर पैदल भारत परिक्रमा सम्पन्न की गई|
अब वक्त आ गया है हमारे देशवासियों को धर्म और ईश्वर के नाम पर जाति-संप्रदायवाद को भुलाकर संगठित होना होगा, अहिंसा परमोधर्म यतोधर्मोस्तोतु जय अहिंसा ही सभी धर्म-संप्रदाय का आधार स्तम्भ है सत्कर्म और सेवा से बड़ा कोई मानव धर्म नहीं है| सभी मनुष्यों के हृदय में सबकी सेवा सबसे प्यार, जियो और सबको जीने दो की भावना ही हमारी कर्मभूमि को महाविनाश से बचाकर अविनाशी स्वर्ग बना सकती है| इस महान कार्य के लिए देश की सभी सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं को एक मंच पर आना होगा और अपने देश को देशद्रोही नेताओ से मुक्त कराना होगा| भारतीय प्रशासन में सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के सेवा-भावी लोगों को आना होगा, तभी हम अपने देश के गौरव की, अपने देश की आन-बान-शान-संस्कृति की रक्षा कर पाएंगे| ज्ञात रहे देशद्रोही नेताओ ने अपने स्वार्थ के लिए देशवासियों को जाति संप्रदाय में बाँट कर कमजोर कर दिया है और देशवासियों की इसी कमजोरी का फायदा उठाकर वो हमारे देश को कमजोर बना रहे है| हम सब एक है सबका स्वामी एक, भेदभाव को छोड़ो जन-जन से नाता जोड़ो| ज्ञात रहे संगठन में ही शक्ति है और हमारी यही शक्ति अपने देश को पुनः विश्व धर्म गुरु और विश्व का आध्यात्मिक देश बना सकती है| जय अहिंसा ॐ शांति , सत्यमेव जयते |