भारतीय शासन प्रणाली व संविधान में बदलाव करने के बाद ही मिट सकता है भ्रष्टाचार और दुष्टाचार…

बड़े खेद की बात है भारतीय कानून व्यवस्था इतनी कमजोर है, कि इन्सान बड़े से बड़ा गुनाह, बड़े से बड़ा भ्रष्टाचार करने के बाद भी बच निकलता है| हमारे देश में भ्रष्टाचार सबसे ज्यादा खतरनाक बीमारी है जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था की कमर टूट जाती है| महाराष्ट्र में एक हाईकोर्ट के जज ने जनता से इतना तक कह दिया की अगर सरकार भ्रष्टाचार रोकने में नाकामयाब होती है तो आम जनता को टेक्स भरना बंद कर देना चाहिए| हमारे देश में दुष्टाचार करने वालों को भी किसी बात का खोफ नहीं रहता| भारत जैसे आध्यात्मिक देश में चार माह की बच्ची के साथ भी दुष्टाचार हो चूका है, दो-पांच साल की बच्चियों के साथ तो आये दिन दुष्टाचार होने लगे है| कई निरदई माता-पिता अपनी जन्म-जात बेटी को गंदे नाले में कचरे के डिब्बे में फेक देते है|

अब वक्त आ गया है हमारे भारतीय प्रशासन को दुष्टाचार, भ्रष्टाचार, अत्याचार, हिंसा जैसी महाबीमारी को जड से मिटाने के लिए, संविधान में कड़े से कड़े कानून बनाने होंगे| मासूम बच्चियों के साथ दुष्टाचार करने वाले की तो कोई सुनवाई नहीं होना चाहिए, उसे फांसी नहीं, फांसी तो उसके लिए बड़ी आसान मौत होगी, उसको तो आम जनता के सामने शहर के बीच चौराये पर ऐसी खतरनाक मौत दी जानी चाहिए की देखने वालो के रोंगटे खड़े हो जाये, देखने वाले अपनी आँखें बंद करने को मजबूर हो जाये, ऐसा पाप करने की बात कोई सपने में भी नहीं सोचे|

हमारे देश में भ्रष्टाचारियो को, निरदई माता-पिता को, हिंसा करने वालो को ऐसी कठोर सजा दी जानी चाहिए की वो मौत के लिए भी तरस जाए| भ्रष्टाचारियो की तो सारी सम्पति जब्त कर लेनी चाहिए, उसे मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट भरना पड़ जाए| हमारे देश की कानून व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि कोई गुनाह करने से पहले हजार बार सोचने के लिए मजबूर हो जाये| तभी हम भारत का नवीन सृजन कर अपने देश को विश्व का प्रथम विकसित देश बना सकते है| 

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