कर्मभूमि पर महाविनाश को ईश्वर नहीं मानव जगत के सत्कर्म ही रोक सकते है…

अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार सृष्टि के सभी देवी-देवता एवं मानव निर्गुण ईश्वर का सगुण स्वरूप है| सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सम्पूर्ण सृष्टि में एक निर्गुण ईश्वर के अलावा दूसरा कोई नहीं है| भौतिक मायावी दृष्टि ही सृष्टि है, मानव जगत के लोगों को मायावी दृष्टि से जो भी दिखाई दे रहा है, वो सब कुछ नश्वर है| मानव का अपना सगुण जीवात्मस्वरूप भी नश्वर है, क्योंकि जो प्रकट हुआ है, जो बना है उसे एक न एक दिन मिटना ही है| मानव का मायावी सगुण जीवात्मस्वरूप परिवर्तनशील है, मानव कर्मभूमि पर अपने मायावी सगुण स्वरूप व देह भाव को त्यागकर, विदेही भाव में विराट आत्मस्वरूप निष्काम कर्मयोगी बनकर अपना आत्मकल्याण कर सकता है| आत्मज्ञानी बनो अपना मानव जीवन सार्थक बनाओ| 

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