कम संतान सुखी इंसान बच्चे दो ही अच्छे संतान कम होगी तो उनकी परवरिश अच्छी होगी…

अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार इस मायावी सृष्टि में इस मायावी संसार में आपको जड व चेतन के रूप में जो भी दिखाई दे रहा है, वो सब कुछ एक ही अविनाशी निर्गुण दिव्य शक्ति से प्रकट हुई महामाया है जो नश्वर और परिवर्तनशील है|

एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति ईश्वर एक है, एक दिव्य महाशक्ति के अलावा सम्पूर्ण ब्रह्मांड में दूसरा कोई भी नहीं है, किन्तु एक ही ईश्वर के दो स्वरूप दो चरित्र है दोनों एक ही सिक्के के दो पहलु है| परम सत्य निर्गुण ईश्वर के मायावी सगुण स्वरूप से जो प्रकट हुआ है वो सत-असत है, सत्य मानव के भीतर आत्मस्वरूप में विधमान है व असत नश्वर किन्तु अविनाशी होकर परिवर्तनशील है वो जीवात्मस्वरूप में विधमान है| ईश्वर व स्वयं के सत्यस्वरूप को विदित किये बिना, इस संसार से मुक्ति का और कोई उपाय नहीं है|

सृष्टि में एक ही सगुण परब्रह्म के अनेक मायावी परिवर्तशील रूप है भला फिर इस संसार में कौन किसका माता-पिता, पति-पत्नी, बेटा-बेटी, भाई-बहन है? दृष्टि ही सृष्टि है मायावी दृष्टि से सृष्टि में जो भी कुछ दिखाई दे रहा है वो सब कुछ एक ही सगुण परब्रह्म की महामाया है| अतः इस नश्वर संसार में महामाया में भ्रमित होकर अधिक संतान पैदा करना व उनकी परवरिश के लिए स्वयं का पूरा जीवन त्रासदियो से भर देना, भला कैसे सार्थक हो सकता है| कर्मभूमि पर मैं से मुक्त होने के लिए अपने जीवात्मस्वरूप को त्यागकर विदेही भाव में विराट आत्मस्वरूप निष्काम कर्मयोगी बनो अपना आत्मकल्याण कर अपना मानव जीवन सार्थक बनाओं|

Related Posts

WhatsApp WhatsApp us