कर्मभूमि को महाविनाश से बचाकर अविनाशी स्वर्ग बनाने के लिए कल्कि साधक कैलाश मोहन, मानव जगत को दे रहे है अहिंसा, प्रेम-भाईचारे का संदेश |

आज के विज्ञान और विकास के युग में एक तरफ तो मानव अन्तरिक्ष में अन्य ग्रहों पर नई दुनिया बसाने की सोच रहा है, चाँद और मंगल पर जीवन खोज रहा है तो दूसरी तरफ धरती पर पाप का बोझ बढ़ जाने के कारण महाविनाश की संभावनाएं नजर आ रही है| वर्तमान समय युग परिवर्तन की संधिवेला संगमयुग का समय चल रहा है, कलयुग को सतयुग में परिणित करने के लिए अपनी कर्मभूमि को महाविनाश से बचाकर अविनाशी स्वर्ग बनाने के लिए कल्कि साधक कैलाश मोहन ने अपना समस्त जीवन जन कल्याण के लिए समर्पित कर दिया है|

कैलाश मोहन सम्पूर्ण मानव जगत को सत्य अहिंसा, सत्कर्म और सेवा रूपी मानव धर्म का संदेश देते हुए, अपने देशवासियों के ह्रदय में धार्मिक एकता, कौमी एकता, राष्ट्रीय एकता, प्रेम भाईचारे की भावना जागृत कर रहे है| ज्ञात रहे कल्कि ज्ञान सागर के माध्यम से सम्पूर्ण मानव जगत के लोगों को 21वी सदी में ईश्वर और अवतारवाद की धारणाओं से मुक्त करा दिया जाएगा| सत्कर्म और सेवा रूपी मानव धर्म ही विश्व धर्म होगा | कर्मभूमि पर जो बच्चे आज जन्म ले रहे है 30 साल बाद नई पीढ़ी इन बच्चों की होगी, उनकी दुनिया स्वर्ग जैसी होगी और वो कर्मभूमि पर स्वर्ग सुख का आनंद लेंगे| जय अहिंसा, ॐ विश्व शांति, सत्यमेव जयते |

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