अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार कर्मभूमि पर जब-जब धर्म के प्रति ग्लानी बढती है, तब-तब कर्मभूमि पर दिव्य महाशक्ति का किसी न किसी निष्काम कर्मयोगी के ह्रदय में ज्ञानस्वरूप भव्य अवतरण होता है| निर्गुण परमब्रह्म द्वारा उस निष्काम कर्मयोगी को अपना प्रतिनिधि बनाकर कर्मभूमि पर धर्म की पुनः स्थापना व प्रभावना कराई जाती है|
आज के विकास के युग में कर्मभूमि पर लाखों धार्मिक स्थल है, करोड़ों साधू-संत भी धर्म की प्रभावना कर रहे है, कर्मभूमि पर धर्म ग्रंथो की भी कोई कमी नही है, इसके बावजूद भी कर्मभूमि पर धर्म के प्रति ग्लानी दिन प्रतिदिन बढती जा रही है, क्योकि कर्मभूमि पर अधिकतर साधू-संत और धार्मिक स्थल मायावी बन गये है, जिसके कारण आज कर्मभूमि पर पाप का बोझ अत्यधिक बढ़ चूका है|
कर्मभूमि पर वर्तमान समय युग परिवर्तन की संधिवेला संगमयुग का समय चल रहा है, अतः सम्पूर्ण मानव जगत को युगानुसार ईश्वर व अवतारवाद की धारणाओं से मुक्त कराने के लिए ईश्वर और धर्म के नाम पर बने अनेक प्रकार के जाति, धर्म-संप्रदाय, धर्म ग्रंथ और धार्मिक स्थलो से मुक्त कराने के लिए, सत्कर्म और सेवा रूपी मानव धर्म को विश्व धर्म बनाने के लिए, बाइबल, गीता समेत अनेक धर्म ग्रंथों और विश्व विख्यात भविष्यवक्ता मावजी महाराज, नास्त्रेदमस, फ़्रांस के डॉ जूलवर्ण, श्री एडरसन इजराइल के हरार एवं नार्वे के आनन्दाचार्य समेत अनेक विश्व विख्यात भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी के अनुसार भारत की पावन भूमि पर 31 दिसंबर 2016 रात्री 12 बजे लेहरी आश्रम के संत सुमेरसिंह जीके सानिध्य में सर्वधर्म समाज के सैकडों गणमान्य नागरिक व हजारो धर्म प्रेमियो के बीच कल्कि साधक कैलाश मोहन द्वारा कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म की स्थापना शास्त्रविधि अनुसार बड़े धूम-धाम से की गई|
कल्कि साधक कैलाश मोहन द्वारा स्थापित कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का 31 दिसंबर 2018 को दूसरा स्थापना दिवस बांसवाड़ा राजस्थान के कल्कि विश्व शांति अहिंसा भवन के प्रांगण में बड़ी धूम धाम से मनाया गया| कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर से माता वनखंडी धाम के महंत भगवानदास, समाज सेवी सर्वधर्म प्रेमी डॉक्टर मसूद इकबाल जरगर एवं वागड़ अंचल के सैकड़ो संतो के सानिध्य में हजारो सर्वधर्म प्रेमियो के साथ बड़ी धूम धाम से मनाया गया एवं इस अवसर पर कल्कि साधक कैलाश मोहन ने सेवा परमोधर्म पर अपने विचार व्यक्त किये इसी के साथ आयोजन के समापन पर भक्तो को प्रसादी वितरण के साथ ही असहाय लोगो को कंबल भी वितरण किए गए | जय अहिंसा , ॐ विश्व शांति, सत्यमेव जयते |