कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का प्रथम स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया….

कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म के प्रथम स्थापना दिवस पर कल्कि साधक कैलाश मोहन ने बताया, वर्तमान समय युग परिवर्तन की संधिवेला संगमयुग का समय है, कलयुग को सतयुग में परिणित करने के लिए, कर्मभूमि पर सतयुगी दुनिया का सृजन करने के लिए सम्पूर्ण मानव जगत के लोगों को कल्कि ज्ञान सागर के माध्यम से धर्म के नाम पर बने अनेक प्रकार के जाति-संप्रदाय, धर्मग्रंथ और धार्मिक स्थलो से मुक्त करवा दिया जायेगा| सत्कर्म और सेवा रूपी मानव धर्म ही विश्व धर्म होगा|

सत्कर्म और सेवा रूपी मानव धर्म को विश्व धर्म बनाने के लिए बाइबल, गीता समेत अनेक धर्म ग्रंथो और विश्व विख्यात भविष्यवक्ता मावजी महाराज, नास्त्रेदमस, फ़्रांस के डॉ जूलवर्ण, श्री एडरसन इजराइल के हरार एवं नार्वे के आनंदाचार्य समेत अनेक विश्व विख्यात भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी के अनुसार भारत की पावन भूमि पर 31 दिसंबर 2016 रात्री 12 बजे सर्वधर्म समाज के हजारो धर्म प्रेमी लोगों के बीच कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म की स्थापना हो चुकी है, जिसका प्रथम स्थापना दिवस आज बांसवाड़ा राजस्थान के कल्कि विश्व शांति अहिंसा भवन परसर्वधर्म प्रेमियो के साथ बड़ी धूमधाम से मनाया गया एवं इस पावन अवसर पर प्रसादी वितरण के साथ ही असहाय लोगो को कंबल वितरण किए गए | जय अहिंसा , ॐ विश्व शांति, सत्यमेव जयते|

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