ईश्वर ने मानव को कर्मभूमि पर आत्मकल्याण करने के लिए जन्म दिया है, कर्मभूमि का मालिक बनने …
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कल्कि ज्ञान सागर
मानव निर्गुण ईश्वर का सगुण स्वरूप है, सगुण जीवात्मस्वरूप में मानव भिन्न-भिन्न हो सकते है, निर्गुण आत्मस्वरूपता में सभी एक समान है |
अद्धभूत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार जब कुछ भी नहीं था तब भी अनादी काल से एक निराकार, अजर-अमर, अविनाशी, …
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कल्कि ज्ञान सागर
ईश्वर मानव जगत को कर्म करने का ज्ञान तो प्रदान करवा सकता है किन्तु किसी भी मनुष्य से निर्धारित कर्म नहीं करा सकता|
||कल्कि ज्ञान सागर के माध्यम से ईश्वरीय संदेश || अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार मानव जीवन कर्म प्रधान है, …
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कल्कि ज्ञान सागर
दिव्य महाशक्ति परमब्रह्म अनादी, अजन्मा, निष्कलंक, निराकार है वो न तो किसी की संतान है और नहीं उनकी कोई संतान है|
|| कल्कि ज्ञान सागर के माध्यम से ईश्वरीय संदेश || अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार सम्पूर्ण सृष्टि के सभी …
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समाचार
भारत की पावन भूमि पर जाति-संप्रदाय व धार्मिक स्थल रहित कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म की स्थापना….
युग परिवर्तन की संधिवेला संगमयुग मे कलयुग को सतयुग में परिणित करने के लिये, कर्मभूमि पर अजर-अमर, अविनाशी, सतयुगी दुनिया का …
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निराकार को निराकार ही रहने दो, जो अजन्मा, अनामी है उसे कोई नाम न दो ईश्वर और धर्म दोनों मानव के …
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कल्कि ज्ञान सागर
मैं कर्मभूमि पर कर्मयोगियों के भीतर के द्वार खोलने आया हूँ, मानव-मात्र को ईश्वर और अवतारवाद की धारणाओं से मुक्त कराने आया हूँ | कल्कि साधक कैलाश मोहन…..
कर्मभूमि पर मानव-मात्र को अपना मानव जीवन सार्थक बनाने के लिए आत्म चिंतन करना जरूरी है, मानव को ईश्वर से ज्यादा …
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कर्मभूमि के आध्यात्मिक खंड भारत की पावन भूमि पर वीरो की भूमि राजस्थान प्रान्त में वाग्वरांचल व लोढ़ी काशी के नाम …
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समाचार
वाग्वरांचल की धर्म नगरी बांसवाडा शहर में कल्कि विश्व शांति अहिंसा भवन पर आये जम्मू-कश्मीर के महंत भगवानदास….
300 वर्ष पूर्व राजस्थान डुंगरपुर जिले के साबला ग्राम में कृष्णलीलावतार के रूप मे जन्मे विश्व विख्यात संत मावजी महाराज ने अपनी …
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मेरे अंतर मन की बात
निराकार को अनेक नामों से मैं मुक्त कराने आया हूं, मानव जगत को निराकार का सत्यस्वरूप बताने आया हूं|
एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति सम्पूर्ण ब्रह्मांड में एक ब्रह्म ही परमसत्य है, उसे विदित किये बिना इस कर्मभूमि पर मानव के …