अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार ईश्वर एक है उसके दो स्वरूप दो चरित्र है निर्गुण व सगुण| जो ईश्वर …
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आज का सन्देश
दिव्य महाशक्ति के सत्यस्वरूप को जानो, निराकार को कोई आकार न दो, अजन्मे-अनामी को कोई नाम न दो…
21वी सदी में मानव चेतना की जो मिसाल कायम हो रही है उसके अनुसार सम्पूर्ण मानव जगत के लोगों को युगानुसार …
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आज का सन्देश
एक ब्रह्म को विदित किये बिना स्वयं के विराट आत्मस्वरूप को जाने बिना मनुष्य के लिए मुक्ति का ओर कोई उपाय नही है…
अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार ईश्वर व स्वयं के सत्यस्वरूप को जाने बिना कर्मभूमि पर कर्मयोगी के लिए इस …
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आज का सन्देश
कलयुग को सतयुग मे परिणित करने के लिए सम्पूर्ण मानव जगत के लोगो को युगानुसार अपनी धार्मिक सोच को बदलना होगा…
अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार “एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति” भावार्थ- सम्पूर्ण ब्रह्मांड में एक परमब्रह्म ही परम सत्य है, …
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जब से कर्मभूमि का सृजन होकर मानव का जन्म हुआ, तब से अब तक युगानुसार मानव ने धरती पर चाहे जितने …
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अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार अरबो वर्ष पहले जब कहीं भी कुछ भी नहीं था, तब भी एक दिव्य …
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आज का सन्देश
गुरुओ के भी गुरु परम गुरुवर निर्गुण परमब्रह्म एक है, कर्मभूमि पर उनके प्रतिनिधि अनेक हुए है…
अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ज्ञानानुसार “एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति” सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में एक ब्रह्म ही परम सत्य है, उसे …
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आज का सन्देश
सतयुगी दुनिया के सृजन के लिए कर्मभूमि के आध्यात्मिक खंड भारत की पावन भूमि पर नवीन विश्व धर्म की स्थापना…
यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिभर्वति भारत, अभ्युत्थानाम धर्मस्य तदात्मानम सृजाम्यहम, परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम, धर्म संस्थापनार्थाय संभवामी युगे यूगे| अद्भुत …
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कल्कि ज्ञान सागर
धरती पर लाखो धार्मिक स्थल है, करोड़ो साधू-संत है, असंख्य धर्म ग्रंथ है फिर भी धर्म के प्रति ग्लानि क्यों ?
||कल्कि ज्ञान सागर के माध्यम से ईश्वरीय संदेश|| दोस्तो आज हमारी धरती पर लाखो धार्मिक स्थल है और करोड़ो …
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ईश्वर और धर्म दोनों ही मनुष्यों के भीतर हृदयस्त विधमान है वो बाहर धार्मिक स्थलों में नहीं …