पेड़ो का जीवन जड़ो पर आधारित है पेड़ के जीवन का आधार बनी जड़े दिखाई नहीं देती…

ईश्वर निराकार है उसे मायावी भौतिक दृष्टि से देख पाना संभव नहीं है, किन्तु हमें यह मानना पड़ेगा कि एक दिव्य महाशक्ति की इच्छा शक्ति से विशाल ब्रह्मांड की उत्पत्ति होकर अद्भुत रहस्यमय सृष्टि का सृजन हुआ है|

सृष्टि का सृजन एक पेड़ के समान है, पेड़ को पोषण देने वाली जड़े हमें दिखाई नहीं देती, जो उस पेड़ को हरा-भरा रखने के लिए निष्काम भावना से अपना कार्य करती रहती है, उसमें उनका अपना कोई निजी स्वार्थ नहीं होता, ठीक वैसे ही प्रकृति और परमात्मा भी निष्काम भावना से सृष्टि के असंख्य जीवो का भरण पोषण करते है| इसलिए मानव-मात्र को प्रकृति के नियमों का पालन करते हुए, उस परम हितेषी दिव्य महाशक्ति की साधना करना चाहिए, जिसने हमें सम्पूर्ण सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी बनाकर, अमूल्य मानव जीवन प्रदान किया है| जिसे सुखी जीवनयापन करने के लिए प्रकृति और परमात्मा की तरफ से भरपूर सुख साधन व खाद्य सामग्री प्रदान की गयी है| सम्पूर्ण सृष्टि में मानव ही एक ऐसा प्राणी है, जो कर्मभूमि पर स्वर्ग सुख का आनन्द लेते हुए, अपना आत्मकल्याण भी कर सकता है|  

मानव को कर्मभूमि पर अपना मानव जीवन सार्थक बनाने के लिए प्रकृति और परमात्मा के नियमो का पालन करना चाहिए, सत्यवादी बनकर अपने ह्रदय में सबकी सेवा सबसे प्यार की भावना रखते हुए सत्कर्मी निष्काम कर्मयोगी बनकर अपना जीवनयापन करना चाहिये| हम सभी मनुष्य व सृष्टि के सभी जीव एक ही दिव्य शक्ति के अशंज-वंशज है| हमारे वंश के कुलदेवता हमारे वंश की नीव, हमारे वंश की जड़ें एक है, हम सभी को जन्म देकर हमारा पालन-पोषण करने वाला एक है, जो हमें दिखाई नहीं देता| हम सभी एक ही वायुमंडल में श्वास लेते है, हम सभी एक ही प्रकृति का दिया खाते पीते है, सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी होकर भी आपस में भेदभाव करना भला कैसे सार्थक हो सकता है| जिस प्रकार एक पेड़ के पत्तो में कोई भेदभाव नहीं होता ठीक वैसे ही मिलकर रहना सिख लो मानव जीवन सार्थक हो जायेगा|

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